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“ॐ नमः शिवाय”
महामृत्युंजय मंत्र
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”
यह नकारात्मक ऊर्जाओं के खिलाफ एक कवच की तरह है।

लाय सजीवन लखन जियाए ।
श्री रघुबीर हरषि उर लाये ॥
संजीवनी बूटी (Sanjivani Buti) से मिला लक्ष्मण जी को जीवनदान

महर्षि चरक ( Maharshi Charak ) पहले चिकित्‍सक हैं, जिन्‍होंने पाचन, चयापचय और शरीर प्रतिरक्षा की अवधारणा दुनिया के सामने रखी। उन्‍होंने बताया कि शरीर के कार्य के कारण उसमें तीन स्‍थायी दोष पाए जाते हैं, जिन्‍हें पित्‍त, कफ और वायु के नाम से जाना जाता है। ये तीनों दोष शरीर में जब तक संतुलित अवस्‍था में रहते हैं, व्‍यक्ति स्‍वस्‍थ रहता है। लेकिन जैसे ही इनका संतुलन बिगड़ जाता है, व्‍यक्ति बीमार हो जाता है। इसलिए शरीर को स्‍वस्‍थ करने के लिए इस असंतुलन को पहचानना और उसे फिर से पूर्व की अवस्‍था में लाना आवश्‍यक होता है। इसीलिए इन्हें फादर आफ मेडिसिन ( Father of Medicine ) भी कहा जाता है।


A number of chapters are available in Agni Puran, which describes a number of herbs-preparations, which have miraculous-wonderful curative effects, in addition to increasing life span. All these, all freely available in the market at extremely low prices. These are tried and trusted for ages, still one may subject them to clinical tests. No one should ever try to obtain patents, anywhere in the world, since these medicines are in use in Ayurvedic system of medicine and cure, ever since.


LONGEVITY 100-1,000 YEARS मृत्युन्जय-योग ::
सौ साल तक आयु :-
  1. - निम्ब के तैल की मधु सहित नस्य लेने से मनुष्य सौ साल जीता है और उसके बाल हमेशां काले बने रहते हैं।
  2. - कमल गन्ध का चूर्ण भांगरे के रस की भावना देकर मधु और घृत की साथ लेने पर सौ वर्ष की आयु प्रदान करता है।
  3. - असगन्ध, त्रिफला, चीनी, तैल, घृत में सेवन करने वाला सौ साल तक जिन्दा रह सकता है।
  4. - गदहपूर्ना का चूर्ण एक पल मधु, घृत और दुग्ध के साथ खाने वाला शतायु होता है।
  5. - अशोक की छाल का एक पल चूर्ण मधु और घृत के साथ दुग्धपान करने से रोग नाश होता है।
  6. - बहेड़े के चूर्ण को एक तोला मात्रा में शहद, घी और दूध के साथ पीने वाला शतायु होता है।
  7. - पिप्पली युक्त त्रिफला, मधु और घृत के साथ पीने वाला शतायु होता है।
  8. - खाँड युक्त दूध पीने से जातक पीने वाला शतायु होता है। Drinking of milk with raw sugar enhances longevity up to 100 years.
  9. - शर्करा, सैन्धव और सौंठ के साथ अथवा पीपल, मधु, एवं गुड़ के साथ प्रति दिन दो हर्रे का सेवन करें। इसके साथ-साथ नियमित जीवन शैली, व्यायाम, योग, पैदल घुमा अनिवार्य है।

दो सौ वर्ष की आयु :-
  1. - कड़वी तुम्बी के एक तोले भर तैल का नस्य दो सौ वषों की आयु प्रदान करता है।
  2. - सौंठ का चित्रक व विडंग के साथ प्रयोग भी लम्बी आयु दायक है।
तीन सौ वर्ष की आयु :-
  1. - लौह भस्म व शतावरी को भृंगराज रस में भावना देकर मधु व घी के साथ लेने से तीन सौ वर्ष की आयु प्राप्त होती है।
  2. - त्रिफला, पीपल और सौंठ का प्रयोग तीन सौ वर्ष की आयु प्रदान करता है।
  3. - त्रिफला, पीपल और सौंठ का चित्रक के साथ प्रयोग भी तीन सौ वर्ष की आयु प्रदान करता है।
  4. - मधु (honey), त्रिफला, घृत (clarified butter), गिलोय, का मिश्रण नियमित रूप से प्रयोग करने पर 300 वर्ष की आयु और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है। Cures all diseases and extends life span up to 300 years, provided its added with celibacy-chastity.
  5. - हरीतकी चूर्ण भृंगराज रस की भावना देकर एक तोले की मात्रा में घृत और मधु के साथ सेवन करने वाला रोग मुक्त होकर तीन सौ साल की उम्र तक जीता है।
  6. - हर्रे, चित्रक, सौंठ, गिलोय और मुसली का चूर्ण गुड़ के साथ खाने पर सभी रोगों का नाश होता है और 300 वर्ष की आयु प्राप्त होती है।

पाँच सौ साल की आयु :-
  1. - ताम्र भस्म, गिलोय, शुद्ध गन्धक को समान भाग घी कुँवार के रस में घोंट कर दो-दो रत्ती की गोलियां बनायें। इनका सेवन घृत के साथ करने से पाँच सौ साल की आयु प्राप्त होती है।
  2. - गेठी, लोह चूर्ण, शतावरी को समान भाग से भृंगराज रस तथा घी के साथ लेने से पाँच सौ वर्ष की आयु प्राप्त होती है
  3. - पलाश-तैल का मधु के साथ, 1 तोले, दूध के साथ प्रति दिन 6 मास तक सेवन करने से आयु 5 सौ वर्ष हो जाती है।
  4. - बिल्व-तैल का नस्य एक मास तक लेने से आयु को 500 साल तक बढ़ाता है। This combination extends age up to 500 years.
  5. - त्रिफला 4 तोले (12 gm), 2 तोले या 1 तोला। This combination too extends age up to 500 years.

एक सहस्त्र वर्ष की आयु :-
  1. - पथे के एक पल चूर्ण को मधु घृत और दूध के साथ सेवन करते हुए दुग्धान्न का भोजन करने वाला निरोग रहकर एक सहस्त्र वर्ष की आयु का उपभोग करता है।
  2. - काँगनी के पत्तों का रस या त्रिफला दूध के साथ लेने से 1 हजार वर्ष की आयु प्राप्त होती है।
  3. - शतावरी का त्रिफला, पीपल और सौंठ का प्रयोग सहस्त्र वर्ष की आयु व अत्यधिक बल प्रदान करता है।

हजारों वर्ष की आयु :-
  1. 4 तोले शतावरी-चूर्ण (powdered Asparagus racemosus), घृत व मधु के साथ लेने से हजारों वर्ष की आयु प्राप्त होती है।
PROTECTION FROM AGEING & DEATH अपमृत्यु और वृद्धावास्था :-
  1. - भिलावा और तिल का सेवन रोग, अपमृत्यु और वृद्धावास्था को दूर करता है।
  2. - 4 तोले मधु+घी+सोंठ की 4 तोले की मात्रा का प्रति दिन प्रातः काल उपयोग करने से व्यक्ति मृत्यु पर विजय प्राप्त करता है। Anyone who consumes around 40 grams of honey+ghee+Sounth (dried powdered ginger), every day in the morning wins death.
  3. - मधु (honey, Mel despumatus) के साथ उच्चटा (भुईं आंवला ) को एक तोले की मात्रा में खाकर दुग्धपान करने वाला मनुष्य मृत्यु पर विजय प्राप्त करता है। Death is conquered by the use of this combination, regularly.
  4. - मेउड़ की जड़ का चूर्ण या पत्र स्वरस रोग एवं मृत्यु का नाश करता है।
  5. - नीम (Azadirachta indica-Margosa) के पंचांग-चूर्ण को ख़ैर के क्वाथ (काढ़ा) की भावना देकर भृंगराज (Eclipta alba) के रस साथ एक तोला भर सेवन करने मनुष्य रोग को जीत कर अमर हो सकता है।
  6. - रुदन्तिका चूर्ण घृत और मधु के साथ सेवन करने से या केवल दुग्धाहार से मनुष्य मृत्यु को जीत लेता है।
झुर्रियों व बाल सफ़ेद पर रोक :-
  1. ब्राह्मी चूर्ण के साथ दूध का सेवन करने चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़तीं और बाल सफ़ेद नहीं होते व आयु वृद्धि होती है। Use of Brahmi (Bacopa monnieri) powder with milk protect against wrinkle formation and greying of hair, in addition of boosting of age.
  2. LONG LIFE :: त्रिफला, पीपल, सौंठ का लोह, भृंगराज, खरेटी, निम्ब-पञ्चांग, ख़ैर, निर्गुण्डी, कटेरी, अडूसा और पुनर्नवा के साथ या इनके रस की भावना देकर या इनके संयोग से बटी या चूर्ण बनाकर उसका घृत, मधु, गुड़ और जलादि के साथ सेवन करने से लम्बी उम्र की प्राप्ति होती है।
“ॐ ह्रूं स:”,

मन्त्र से अभिमंत्रित योगराज मृत संजीवनी के समान होता है, यह रोग व मृत्यु पर विजय प्रदान करता है।

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